A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ five ॥
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
विच्चे चा website ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।